भारत का इतिहास – प्राचिन भारत घटनाक्रम
INDIAN HISTORY – PRACHIN BHARAT KA ITIHAS
प्राचीन भारत के इतिहास में जो भी घटनाएं बनी| उन सभी घटनाओं को अपने घटनाक्रम में जो घटना जिस वर्ष में बनी थी, उसी प्रकार से यहां उसको दिखाया गया है| और ईसा पूर्व में भारत के इतिहास में जो भी घटनाएं बनी है उन सभी को यहां पर उसकी घटना के वर्ष के अनुसार दिखाया गया है, जो आपके लिए जनरल नॉलेज के रूप में बहुत ही उपयोगी साबित होगा|
भारत का प्राचीन इतिहास – इसा पूर्व
- 6000 – बलूचिस्तान में नवपाषाण बस्तियां
- 4000-3000 – सिंधु घाटी में बस्तियां
- 3000-2500 – सिंधु सभ्यता की शुरुआत प्रारंभिक काल
- 3000-1500 – सिंधु सभ्यता का व्यापक काल
- 2700 – मेसोपोटामिया में क्रिश से प्राप्त सिंधु मुहर की तारीख
- 2500-1750 – सिंधु सभ्यता का परिपक्व चरण, सिंधु घाटी (मोहनजोदड़ो और हड़प्पा) राजस्थान (कालीबंगन) तथा गुजरात (लोथल) में विशाल नगर की सभ्यता
- 1750-1500 – परवर्ती चरण/ सिंधु सभ्यता का पतन, वैदिक आर्यो का आप्रवास
- 1500-1000 – ऋग्वेद काल पंजाब तथा पश्चिमी गंगा यमुना दोआब में आर्य बस्तियां
- 1000- भारत में लोहे का प्रयोग
- 1000-600 – उत्तर वैदिक काल, मध्य एवं पूर्वी गंगा के मैदान में आर्य बस्तियां, जनपद अथवा क्षेत्रीय राजतंत्रो का उदय, आर्य बस्तियों में चित्रित धूसर मृदभांड
- 817- 23वें तीर्थंकर पार्श्वनाथ के जन्म का परंपरागत वर्ष
- 600 – भारत में द्वितीय नगरीकरण की पूर्व गंगा घाटी में शुरुआत 16 महाजनपदों की उत्पत्ति
- 563-483 – अब तक स्वीकृत बुद्ध का काल
- 542-413 – मगध में हर्यक
- 540-468 – अब तक स्वीकृत महावीर का काल
- 518 – फारस के साम्राज्य के गांधार और सिंध क्षत्रपी, डेरियस प्रथम का बेहिस्तून अभिलेख
- 413-364 – मगध में शिशुनाग
- 364-321 – मगध में नंद
- 327-325 – भारत पर सिकंदर का आक्रमण
- 326 – हिडैप्सस (जेलम) की लड़ाई तथा सिकंदर द्वारा पोरस (पुरुषोत्तम) की पराजय
- 321-184 – मौर्य साम्राज्य
- 305-303 – सेल्यूकस निकेटर के साथ चंद्रगुप्त का युद्ध
- 272-268 – अशोक तथा उसके भाइयों के बीच उत्तराधिकार का युद्ध
- 268-232 – अशोक का काल
- 260 – अशोक की कलिंग पर विजय
- 257 – उप गुप्त द्वारा अशोक को बौद्ध धर्म की दीक्षा
- 250 – पाटलिपुत्र में तृतीय बौद्ध संगति दक्षिण एशिया तथा हेलेनिस्टक विश्व में बौद्ध मिशन
- 248 – बैक्ट्रिया में यूनानीयों की स्वतंत्रता
- 232-184 -परवर्ती मोर्य
- 184-75 – शुन्ग (पुष्प मित्र – संस्थापक – देवभूमि – अंतिम शासक)
- 182 – डिमेटरियस द्वारा indo-greek साम्राज्य की स्थापना
- 166-150 – इंडो ग्रीक शासकों में सर्वाधिक महत्वपूर्ण मिनांडर का काल
- 141 – शको का बैक्ट्रिया पर अधिकार
- 94 – उत्तर पश्चिम भारत में शक शासक मेउज
- 75-28 – कण्व वंश (वसुदेव – संस्थापक, सुशर्मण – अंतिम शासक)
- 58 – उज्जैन के विक्रमादित्य द्वारा विक्रम संवत की शुरुआत, उत्तर पश्चिम भारत में द्वितीय शक शासक अजेज प्रथम
- 58 – दक्कन में सात वाहनों का उदय, कलिंग का राजा खारवेल (हाथीगुफा अभिलेख)
- 2 – बैक्ट्रियन दरबार से बौद्ध मिशनरी चीनी सम्राट के पास भेजी गई